✽पीपलाज माता✽
✽ खजवानिया,परवाल,मुकारा ✽
✽ खजवानिया,परवाल,मुकारा ✽
पीपलाय माता का मन्दिर उदयपुर राजस्थान में स्थित है।
सबसे प्रसिद्ध राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट नगर से लगभग से 20 किलोमीटर की दूरी पर एक पहाड़ी की तलहटी में स्थित है।
मड़ी ग्राम के समीप पहाड़ के ऊपर लालसोट स्थित घाटा में पपलाज माता का मंदिर है। दोनों मंदिरों में क्षेत्र से हजारों लोग आते हैं।
दोनों मंदिरों पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए पहाड़ी मार्ग से पैदल यात्री पहले भगवा माता मंदिर होकर पपलाज माता मंदिर पहुंचते हैं। सैकड़ों वर्षों से दर्शनार्थी थूमड़ी ग्राम से पहाड़ी की चढ़ाई चढ़कर पहुंचते हैं। अब राह आसान होने से श्रद्धालुओं में खुशी है।
दोनों मंदिरों पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए पहाड़ी मार्ग से पैदल यात्री पहले भगवा माता मंदिर होकर पपलाज माता मंदिर पहुंचते हैं। सैकड़ों वर्षों से दर्शनार्थी थूमड़ी ग्राम से पहाड़ी की चढ़ाई चढ़कर पहुंचते हैं। अब राह आसान होने से श्रद्धालुओं में खुशी है।
पांच फीट की कुई बुझाती है प्यास पपलाज माता मंदिर के तीस फीट बगल में बनी सैंकड़ों वर्ष पुरानी पांच फीट गहरी कुई में करीब तीन फीट पानी सदैव रहता है। चाहे कितने इस पर रखी रस्सी-बाल्टी से पानी पीले इसका पानी कभी खत्म नहीं होता है।
गर्मियों में भी इसमें पानी बरकरार रहता है। हालांकि अब तो यहां पर बोरवेल खोद कर पानी के अन्य स्रोत विकसित हो गए हैं, फिर भी कुई का पानी पीने वाले लोग तो वहीं पानी पीते हैं। यहां पर पूजा करने वाला भक्त बताते हैं
कि यह कुई पुराने समय से ही खुदी हुई है।एक प्राचीन पपलाज माता जी का
मंदिर कुरहा अमरावती, महाराष्ट्र मे है
गर्मियों में भी इसमें पानी बरकरार रहता है। हालांकि अब तो यहां पर बोरवेल खोद कर पानी के अन्य स्रोत विकसित हो गए हैं, फिर भी कुई का पानी पीने वाले लोग तो वहीं पानी पीते हैं। यहां पर पूजा करने वाला भक्त बताते हैं
कि यह कुई पुराने समय से ही खुदी हुई है।एक प्राचीन पपलाज माता जी का
मंदिर कुरहा अमरावती, महाराष्ट्र मे है
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